Helping The others Realize The Advantages Of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
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विधिः कृष्ण पक्ष के शनिवार से इकतीस दिन तक नित्य रात के समय एक माला जप उपर्युक्त मन्त्र का करें। इस कृत्य से मन्त्र सिद्ध हो जाएगा। प्रयोग के समय यही मन्त्र ग्यारह बार पढ़कर एक-दो बताशे /मिठाई अभिमन्त्रित कर जिस स्त्री को खिला देंगे, वह वशीभूत हो जायेगी। मन्त्र में अमुकी के स्थान पर स्त्री का और अमुक के स्थान पर अपना नाम बोलना चाहिए।
वशीकरण मंत्र के उपयोग से मानवीय संबंध वशीकरण मंत्र: चमत्कार या मिथ्या?
वशीकरण मंत्र एक प्राचीन विज्ञान है जिसका उपयोग व्यक्ति के दिमाग और मन को प्रभावित करने के लिए किया जाता है। यह मंत्र भावनात्मक शक्ति को जागृत करता है और व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार कार्य करने में मदद करता है। इस अद्भुत विज्ञान का उपयोग लोग अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में करते हैं, जैसे प्रेम, विवाह, संघर्ष, सफलता और खुशहाली के लिए।
विधि: पति को वश में करने का यह मन्त्र सवा लाख बार जप करने पर सिद्ध हो जाता है। प्रयोग के समय इसका एक सौ आठ बार जप करें। किसी वस्तु को मंत्राभिषिक्त कर पति को खिला दें। वह सदा आज्ञाकारी बना रहेगा।
वशीकरण एक प्राचीन आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो भारतीय परंपराओं में जानी जाती है। यह एक रहस्यमयी कला है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति के मन और भावनाओं को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए किया जाता है। संस्कृत में, “वशी” click here का अर्थ है “आकर्षित करना या नियंत्रण करना” और “करण” का अर्थ है “विधि”। इसे मुख्यतः रिश्तों को सुधारने, खोए हुए प्रेम को वापस पाने और जीवन की कठिनाइयों को हल करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
करोमि दर्शनं देव्याः, सर्व-कामार्थ सिद्धये।
मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना का तिलक का उपाय
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, वशीकरण मंत्रों का उपयोग दिल की शुद्धि और सत्य के साथ किया जाता है। यह मन की शक्तियों को जगाने का कार्य करता है और व्यक्ति को उच्च आदर्शों, स्वभाव के साथ और सच्ची इच्छा के साथ जीने के लिए प्रेरित करता है। इस प्रकार, वशीकरण मंत्र व्यक्ति के मन को उनकी उच्चतम प्राप्ति की ओर प्रेरित करने में सहायता कर सकता है।
पुरुष मोहिनी मंत्र वशीकरण उन स्त्री के लिए है जिनके पति का आकर्षण अब नहीं रहा गया हो या फिर बाहरी चक्कर में चले गए हो.
इस मंत्र का प्रयोग सिर्फ एक बार में एक व्यक्ति पर ही सिद्ध होता है.
ॐ ताल तुम्बरी दह दह दरै झाल झाल आं आं आं हूं हूं हूं हैं हैं हैं काल कमानी कोटा कमरिया ॐ ठः ठः।
ॐ नमो भगवते रुक्मिणीवल्लभाय आकर्षण कुरु कुरु स्वाहा॥
ग्रहण समाप्त होने पर उन चारों लौंग को निकालकर ताबीज में भर लें। जब इस प्रयोग की आवश्यकता हो, तो चार लौंग को मंत्र से सात बार अभिमंत्रित करें और ताबीज से स्पर्श कराएं। इसके बाद, जिसे भी यह लौंग खिलाई जाएगी, वह व्यक्ति साधक के प्रभाव में आ जाएगा।
इन्हें विशेष मंत्रों के साथ मिलाकर उपयोग किया जाता है.